कश्ती है पुरानी मगर दरिया बदल गया,
मेरी तलाश का भी तो जरिया बदल गया,
ना शक्ल बदली ना अक्ल बदली,
बस लोगों के देखने का नजरिया बदल गया।
लाजवाब है मेरी जिंदगी का फसाना,
कोई सीखे मुझसे हर पल मुस्कुराना,
पर कोई मेरी हंसी को नजर न लगाना,
बहुत दर्द सहकर सीखा है हम ने मुस्कुराना।
ज़िन्दगी के उलझे सवालो के जवाब ढूंढता हु,
कर सके जो दर्द कम, वोह नशा ढूंढता हु,
वक़्त से मजबूर, हालात से लाचार हु मैं..
जो देदे जीने का बहाना ऐसी राह ढूंढता हु।
लडखडाया है जीतना वो संभल जायेगा,
वक्त आनें पे वो भी जाहिर बदल जायेगा,
आज कहते हो ये क्या-क्या लिखते हो तुम,
देखना जमाना मेरे गीत जब कल गायेगा।
दिल मैं हर राज़ दबा कर रखते है,
होंटो पर मुस्कराहट सजाकर रखते है,
ये दुनिया सिर्फ़ खुशी मैं साथ देती है,
इसलिए हम अपने आँसुओ को छुपा कर रखते है.
छु ले आसमान जमीन की तलाश न कर,
जी ले जिंदगी खुशी की तलाश न कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश न कर.
सदक़ा भी दे दिया है नज़र भी उतार दी,
दौलत सुकूनो चैन की सब मुझपे वार दी,
कल शाम मैंने क्या कहा तबीयत ख़राब है,
माँ ने तमाम रात दुआ में गुज़ार दी!
दर्द की अनुभूति का भूगोल कोई क्या लिखेगा,
बाँसुरी की वेदना के बोल कोई क्या लिखेगा,
रास लीला कृष्ण की लिखना बहुत आसान लेकिन,
गोपियों के आँसुओं के मोल कोई क्या लिखेगा।
दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है,
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,
क्योकि दोस्ती जरा सी नादान होती है!
दोस्ती का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करू,
आप भूल भी जाओ तो मे हर पल याद करू,
खुदा ने बस इतना सिखाया हे मुझे..
कि खुद से पहले आपके लिए दुआ करू.
ज़िंदगी में बार बार सहारा नही मिलता,
बार बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,
है जो पास उसे संभाल के रखना,
खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता!
बड़ी आसानी से निकाल देते हैं लोग दूसरों में ऐब,
जैसे उनका दिल नेकियों का नवाब है,
अपने गुनाहों पर सौ परदे डालकर,
लोग खुद कहते है ज़माना बड़ा खराब है!
अगर कोई चीज़ तक़दीर में नही भी लिखी है,
तो भी दुआ जरूर करनी चाहिए,
क्योंकि तक़दीर के सामने हम बेबस हैं,
लेकिन तक़दीर लिखने वाला नही!!
दो अक्षर का होता है लक;
ढाई अक्षर का होता है भाग्य;
तीन अक्षर का होता है नसीब;
साढ़े तीन अक्षर का होती है किस्मत;
पर ये सब चार अक्षर की मेहनत से होते हैं।
“हादसों के शहर में हादसों से डरता है, मिटटी का खिलौना है फना होने से डरता है
मेरे दिल के कौने में एक मासूम सा बच्चा, बड़ो की देख के ये दुनिया ये बड़ा होने से डरता है”
“दिल से दुआ है, जो दिल से दे दुआ तो बिखारी आमिर है
मोती ना दे सके तो समंदर फकीर है
देता रहेगा सारे अंधेरो को रोशनी
जब तक तेरे वजूद में रोशन जमीर है”
“जहाँ हर सर झुक जाये वही मंदिर है
जहाँ हर नदी समा जाये वही समंदर है
जीवन की इस कर्म भूमि में युद्ध बहुत है
जो हर जंग जीत जाये वही मोदी जैसा सिकंदर है
“आयु थोड़ी बड़ी है, लेकिन उत्साह आज भी वही है
नदी चाहे गहरी है लेकिन प्रवाह आज भी वही है
वही दमखम वही चम चम, मन ठाठ वही है
तलवार पुरानी है पर धार और काट आज भी वही है”
“सूरज हूँ जिंदगी की चमक छोड़ जाऊँगा, फिर लौट आने की खनक छोड़ जाऊँगा
मै सबकी आँखों से आंसू समेट कर, सबके दिलो में अपनी झलक छोड़ जाऊँगा
“जो वक़्त अपना बर्बाद नहीं करता
किसी की दुनिया आबाद नहीं करता
जिस किसी ने जगह मिलेगी जीत से
हारने वालो को जमाना याद नहीं करता ”
लक्ष्य भी है, मंज़र भी है,
चुभता मुश्किलों का खंज़र भी है !!
प्यास भी है, आस भी है,
ख्वाबो का उलझा एहसास भी है !!
“सिकंदर हालात के आगे नहीं झुकता
तारा टूट भी जाये जमीन पर आकर नहीं गिरता
गिरते है हजारो दरिया समंदर में
पर कोई समंदर किसी दरिया में नहीं गिरता”
जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है,
थोड़ा रुलाती है थोड़ा हसाती है,
खुद से ज्यादा किसी पे भरोसा मत करना,
क्योंकि अँधेरे में तो परछाईं भी साथ छोड़ जाती है!
ज़िन्दगी हसीन है ज़िन्दगी से प्यार करो,
हो रात तो सुबह का इंतज़ार करो,
वो पल भी आएगा जिस पल का इंतज़ार हैं आपको,
बस रब पर भरोसा और वक़्त पे ऐतबार करो।
किसी ने क्या खूब लिखा है:
कल न हम होंगे न गिला होगा,
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा,
जो लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें,
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।
पैर में से काँटा निकल जाए तो,
चलने में मज़ा आ जाता है,
और मन में से अहंकार निकल जाए तो,
जीवन जीने में मज़ा आ जाता है,
चलने वाले पैरों में कितना फर्क है,
एक आगे है तो एक पीछे,
पर ना तो आगे वाले को अभिमान है,
और ना पीछे वाले को अपमान,
क्योंकि उन्हें पता होता है,
कि पलभर में ये बदलने वाला है,
इसी को जिन्दगी कहते है।
ज़िन्दगी के उलझे सवालो के जवाब ढूंढता हु,
कर सके जो दर्द कम, वोह नशा ढूंढता हु,
वक़्त से मजबूर, हालात से लाचार हु मैं..
जो देदे जीने का बहाना ऐसी राह ढूंढता हु।
लक्ष्य भी है, मंज़र भी है,
चुभता मुश्किलों का खंज़र भी है !!
प्यास भी है, आस भी है,
ख्वाबो का उलझा एहसास भी है !!
लडखडाया है जीतना वो संभल जायेगा,
वक्त आनें पे वो भी जाहिर बदल जायेगा,
आज कहते हो ये क्या-क्या लिखते हो तुम,
देखना जमाना मेरे गीत जब कल गायेगा।
जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा,
जो चल रहा है उसके पाँव में ज़रूर छाला होगा,
बिना संघर्ष के चमक नहीं मिलती,
जो जल रहा है तिल-तिल, उसी दीए में उजाला होगा…