रूठकर तू क्यों बैठा है भाई, अब मुझसे बात कर हो गई गलती मुझसे, अब अपनी बहन को माफ कर बिन तुझसे बात किए कैसे कटेगा वक्त मेरा देख फलक की ओर चांद की तन्हाई एहसास कर..!!