ज़माने भर में मिलते है आशिक कई,
मगर वतन से खुबसूरत कोई सनम नही होता,
सोने के कफ़न में लिपट मरे शशक के,
मगर तिरंगे से खुबसूरत कोई कफ़न नही होता!!