नंदीगण नतमस्तक सम्मुख, नीलकंठ पर शोभित विषधर; मूषक संग गजानन बैठे, कार्तिकेय संग मोर खड़े।। सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर, सुंदरता चहुंओर भरे, अंतरमन से तुझे पुकारूं हर हर हर महादेव हरे।। शिवरात्रि की बधाई!