दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँ, प्यार का उसे पैगाम क्या दूँ, इस दिल में दर्द नहीं यादें हैं उसकी, अब यादें ही मुझे दर्द दें तो इल्ज़ाम क्या दूँ