उसे अब के वफ़ाओं से गुजर जाने की जल्दी थी, मगर इस बार मुझ को अपने घर जाने की जल्दी थी, मैं आखिर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता, यहाँ हर एक मौसम को गुजर जाने की जल्दी थी।