ठण्ड की इस सुभाह पड़ेगा हमे नहाना, क्योंकि संक्रांति का पर्व कर देगा मौसम सुहाना, कहीं जगह जगह पतंग है उड़ना, कहीं गुड कहीं तिल के लड्डू मिल कर है खाना : मकर संक्रांति की मुबारकां