जब भोर हुई तो मैंने कान्हा का नाम लिया सुबह की पहली किरण ने फिर मुझे उसका पैगाम दिया सारा दिन बस कन्हैया को याद किया जब रात हुई तो फिर मैंने उसे ओढ़ लिया..