यह सनम गुजरे हुए बसाल के दिन और रात भूल जा, मिलने ना देंगे अब हमें हालात भूल जा, मौसम बदल गए हैं जमाना गुजर गया है, ए दोस्त तू भी ईद उल मुलाकात भूल जा, ईद मुबारक..