कृष्णा तेरी गलियों का जो आनंद है, वो दुनिया के किसी कोने में नहीं । जो मजा तेरी वृंदावन की रज में है, मैंने पाया किसी बिछौने में नहीं ।।
जय श्री कृष्णा