जंगलों में भागते हुए शेर देखे है, पेड़ो पे बैठे मौर देखे है, नादिया कहती है, उमड़ना सीखो समुन्दर से, हमने हलकी-फुलकी बारिशो के शोर देखे है, स्वतंत्रता दिवस मुबारक हो