किसी रोज याद ना कर पाउ तो ख़ुदग़र्ज़ ना समझ लेना, दरअसल छोटी सी इस उमर में परेशानिया बहोत है, मैं भूला नहीं किसी को मेरे बहोत अच्छे दोस्त है ज़माने मे, बस थोड़ी ज़िंदगी उलझी पड़ी है दो वक़्त की रोटी कमाने मे!!