"पानी" के बिना
"नदी" बेकार है,
"अतिथि" के बिना
"आँगन" बेकार है,
"प्रेम" ना हौ तो
"सगेसम्बन्धी"बेकार है,
*और*
जीवन में "गुरु" ना हौ तो
"जीवन" बेकार है।
गुरु🚩🚩🚩🙏🏻
*इसलिये*
जीवन में "गुरु" ज़रूरी है
"गुरूर" नहीं।