किसी का ईमान कभी रोशन न होता,
आगोश में मुसलमान के अगर क़ुरान न होता,
दुनिया न समझ पाती कभी भूक और प्यास की कीमत,
अगर १२ महीनों मे १ रमजान न होता… रमजान मुबारक!