Shayari in Hindi

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सब पूछने लगे आखिर क्या बात हो गई
तन्हाई में जो एक पल के लिए बैठी हूं मैं
उदास रहना गुनाह माना जाता है यहां
ऐसे घर में मुजरिम की तरह जीती हूं मैं

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