जब हमें बोलना भी नही आता था, तब भी हमारी हर एक बात समझ जाती थी माँ. और आज जब हम बोलना सीख गये, तो बात-बात पर बोलते हैं, “छोड़ो आप नहीं समझोगे माँ”