Shayari in Hindi

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दिन की रोशनी ख्वाबों को सजाने में गुजर गई,
रात की नींद बच्चे को सुलाने मे गुजर गई,
जिस घर मे मेरे नाम की तखती भी नहीं,
सारी उमर उस घर को बनाने में गुजर गई।

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