जो गुजरे इश्क में सावन सुहाने, याद आते हैं तेरी जुल्फों के मुझको शामियाने याद आते हैं मुझे मालूम है तेरी मोहब्बत झूठ थी, फिर भी मुझे अपनी मोहब्बत के फसाने, याद आते हैं.!!