“बांध रही हूँ राखी मैं भैया, पर एक वचन देना होगा, नहीं कभी भी ##बेटी से जीवन में घृणा करना होगा, बाप बनोगे कल तुम लेकिन बेटी को भी अपनाओगे, करके जांच गर्भ में उसकी हत्या नहीं कराओगे, मां, बुआ, चाची, भाभी सब किसी-न-किसी की ##बेटी हैं, यह जो तेरी बहना है, यह भी तो पापा की बेटी है, बेटी अगर नहीं होगी तो बहू कहाँ से लाओगे? अपने बेटे के हाथों में राखी किससे बँधवाओगे?”