राधा ने त्याग का पंथ बुहारा, तो पंथ पे फूल बिछा गया कान्हा;
राधा ने प्रेम की आन निभाई, तो आन का मान बढ़ा गया कान्हा;
कान्हा के तेज को भा गई राधा, तो राधा के रूप को भा गया कान्हा;
कान्हा को कान्हा बना गई राधा, तो राधा को राधा बना गया कान्हा.!!
Happy Janmashtami.