जीवन में हर जगह हम "जीत" चाहते हैं... सिर्फ फूलवाले की दूकान ऐसी है जहाँ हम कहते हैं कि "हार" चाहिए। क्योंकि हम भगवान से "जीत" नहीं सकते।