“आयु थोड़ी बड़ी है, लेकिन उत्साह आज भी वही है नदी चाहे गहरी है लेकिन प्रवाह आज भी वही है वही दमखम वही चम चम, मन ठाठ वही है तलवार पुरानी है पर धार और काट आज भी वही है”