जब जब याद करोगी अपनी तन्हाईयो को, एक जलता चराग सा नज़र आऊगा मैं राह से रहगुज़र बन के भी गुजर जाओगी, एक मिल का पत्थर सा खड़ा नज़र आऊगा मैं..