बहुत रोते है लेकिन दामन हमारा नम नहीं होता , इन आँखों के बरसने का कोई मौसम नहीं होता, में अपनों दुश्मनो के बीच भी महफूज़ रहता हूँ, मेरी माँ की दुओं का खज़ाना कम नहीं होता