किसी ने क्या खूब लिखा है: कल न हम होंगे न गिला होगा, सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा, जो लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें, जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।