दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते, गम के आंसू न बहते तो और क्या करते, उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ, हम खुद को न जलाते तो और क्या करते! यारों ओ बेवफा थी।।