रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी, दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी, जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा, उसे ज़िंदगी से कोई और शिकायत क्या होगी।