Shayari in Hindi

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लहरों पे खेजता हुआ लहरा के पी गया,
साक़ी की हर निगाह पे बल खा के पी गया।
मैंने तो छोड़ दी थी पर रोने लगी शराब,
मैं उसके आँसुओं पे तरस खा के पी गया।

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