Shayari in Hindi

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मैं तल्खी-ए-हयात से घबरा के पी गया,
ग़म की स्याह रात से घबरा के पी गया,
इतनी दकीक से कोई कैसे समझ सके,
यज्दां के वाकियात से घबरा के पी गया।

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