मिलने आएंगे हम आपसे ख़्वाबों में ज़रा रोशनी के दिए बुझा दीजिए अब और नहीं होता इंतज़ार आपसे मुलाक़ात का ज़रा अपनी आँखों के परदे तो गिरा दीजिए. शुभ रात्रि.