पल में गुज़र जाए वो मोहब्बत कैसे,
हम तो जिंदगी भर तुझे चाहेंगे,
साथ जनम में गुजर जाए वो कसम कैसी,
हम तो सदियो तक तुम्हारा साथ निभाएँगे!!
हमारा हर लम्हा चुरा लिया आपने,
आँखों को एक चाँद दिखा दिया आपने,
हमे ज़िंदगी तो दी किसी और ने,
पर प्यार इतना देकर जीना सीखा दिया आपने!!
बार बार तुम को परेशान करना अच्छा लगता है,
जान कर भी हर बात से अंजान बना अच्छा लगता है,
बस करते रहो आप प्यार का इकरार पे इकरार
इसलिए सुन के भी अनसुना कर देना अच्छा लगता है!!
जो चाहा था ख्वाबों में वो मिला हमको,
खुदा से ना कोई शिकायत ना गिला है हमको,
ना ही कोई ओर ख्वाइश है अब हमारी,
जब से पा लिया हमने है तुमको!!
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ,
तेरी गलियों में घूमना इतना अच्छा लगता है,
मैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ,
बस इतनी बात पर मैं लोगों को अच्छा नहीं लगता,
मैं नेकी कर तो देता हूँ, जताना भूल जाता हूँ!!
मुझे नहीं किसी की ख्वाहिश,
तुम्हारा एहसास ही सब है,
तू ही मेरे जीने की वजह है
तू है दिन तू है शाम तू ही मेरा रब है!!
तुम्हारी खुशी हम बन जाए बस खवाब है ये,
बाहों में आकर तुम्हारी सिमट जाए बस खवाब है ये,
तुम बस हमारे हो कर रहो
ओर हम तुम्हारे दिल की धड़कन बन जाए बस खवाब है ये!!
ये फूल ये खुशबू ये बहार !
तुमको मिले ये सब उपहार !!
आसमा के चाँद और सितारे !
इन सब से तुम करो सृंगार !!
तुम खुश रहों आवाद रहों..
खुशियों का हो ऐसी फुहार !
हमारी ऐसी दुआ हैं हजार !!
दामन तुम्हारा छोटा पर जाए !
जीवन में मिले तुम्हे इतना प्यार !!
ना पीने का शौक था ना पिलाने का शौक था
हमे तो सिर्फ नज़रे मिलाने का शौक था
पर क्या करे हम नज़रे उसी हसीना से मिला बैठे
जिन्हें नज़र से पिलाने का शौक था..
हमारी दास्तान उसे कहाँ कुबूल थी
मेरी वफ़ा उसके लिए फ़िज़ूल थी
कोई आस नहीं लेकिन कोई इतना बता दो
मैंने चाहा उसे क्या ये मेरी भूल थी…
आपकी इस दिल लगी मे हम अपना दिल खो बैठे
कल तक उस खुदा के थे आज आपके हो बैठे
पर सुना तो था दीवाना कर देता है
आज खुद करके हम भी होश खो बैठे…..
दिल जीत ले वो जिगर हम रखते है
क़त्ल कर दे वो नज़र रखते है
वादा किया हमे किसी से सदा मुस्कारने की
वरना आँखों मे समुन्दर हम भी रखते है….
दूरियां ही दिलो को नज़दीक लाती है
दूरियां ही 1 दूजे को याद दिलाती है
दूर होकर भी कोई कितना करीब है
दूरियां ही इस बात का एहसास दिलाती है…
कागज पे हमने जिंदगी लिख दी
आसूँ से सीच कर हर खुशी कर दी
दर्द जब हमारा उभरा लफ़्ज़ों पर
तो लोगो ने कहा वह क्या गज़ल लिख दी…
इस दो पल की जिंदगी मै तन्हाई क्यों है
लोगो को हम से रुस्वाई क्यों है
इस दुनिया मे इंसान की कोई कमी नहीं है…
फिर हमारे साथ हमारी परछाई ही क्यों है ..
वक्त और खुशी तेरे ही गुलाम होंगे
हर पल और पहलों तेरे ही नाम होंगे
ज़रा मुड कर देखना कभी तुम
तेरे हर कदम के साथ मेरे कदमो के निशान होंगे …
अब इंतज़ार की आदत सी हो गयी है
खामोसी की हालत सी हो गयी है
न शिकवा ना शिकायत है किसी से
क्यूंकि की अब इस तन्हाई से मोहब्बत सी हो गयी है..
जवानी को जिंदगी का निखार कहते है
पतझर को जिंदगी का मजधार कहते है
बहुत अजीब दस्तूर है दुनिया का यारों
1 धोखा है जिसे दुनिया प्यार कहते है…
तू नाराज है तो
गुस्सा ही दिखा दे...
यू खामोश रहती है तू .. तो
कमबख्त बेचैनियाँ मुझको खा जाती हैं ...
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको!
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा!
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!
दिल किसी से तब ही लगाना;
जब दिलों को पढ़ना सीख लो;
वरना हर एक चेहरे की फितरत में;
ईमानदारी नहीं होती !!!
उनकी गली को जबसे जाना बिसर गया मैं रस्ता घर का
अपनी सूरत भूल गया मैं याद रहा चेहरा दिलबर का
हाल मिला नहीं अब तक हमको उनके दिल के अंदर का
आंखों के आंचल का आंसू भिगो गया दामन चादर का
वो याद नही करते हम भुला नही सकते.
वो हंसा नही सकते हम रुला नही सकते.
प्यार इतना खूबसूरत है हमारा
वो बता नही सकते और हम जाता नही सकते.
मोहब्बत की कहूँ देवी या तुमको बंदगी कह दूँ,
बुरा मानो न गर हमदम तो तुमको ज़िन्दगी कह दूँ।
रहनुमा हो जमाने की,
जीने के अन्दाज सी तुम हो,
नजर हैं कातिलाना,
बोतलों में बन्द शराब सी तुम हो।
तुम्हीं हो फगवां की सर्द हवा,
मौसम की पहली बरसात सी तुम हो,
समन्दर से भी गहरी,
आशिकों के ख्वाब सी तुम हो।
सुर्ख गुलाब सी तुम हो,
जिन्दगी के बहाव सी तुम हो,
हर कोई पढ़ने को बेकरार,
पढ़ने वाली किताब सी तुम हो।
मंजिल भी उसी की थी रास्ता भी उसका था,
एक हम अकेले थे काफिला भी उसका था,
साथ साथ चलने की कसम भी उसी की थी,
और रास्ता बदलने का फैसला भी उसका था।
तेरी नीली आँखों का मैं काजल बन जाऊं,
तेरी आँखों में आँसू का मैं बादल बन जाऊं,
ख्वाहिश तो मेरी हर पल है इतनी,
तेरे रस्ते के काँटों का मैं चादर बन जाऊं।
कोई हँसे तो तुझे ग़म लगे खुशी न लगे,
ये दिल की लगी थी दिल को दिल्लगी न लगे,
तू रोज उठ कर रोया करे चाँदनी रातों में,
खुदा करे कि तेरा भी मेरे बिना दिल न लगे।