यूं ही नहीं गूंजती किल्कारीयां घर आँगन के हर कोने मे..!…
जान हथैली पर रखनी पड़ती है ‘माँ’ को ‘माँ’ होने मे…!!
बस एक करवट ज्यादा ले लू किसी रोज सोते वक्त,
मॉ..!!! आज भी आकर पूछ लेती है बेटा तबियत तो ठीक हैं ना …
सर्द की ये
पहली हवा,मुझको रुला गई
बदन कपकपाया तो,मुझको “माँ” याद आ गई !!
हर इंसान के ज़िन्दगी में वह सबसे ख़ास होती है,
दूर होते हुए भी वह दिल के पास होती है,
जिसके सामने मौत भी अपना सर झुका दे,
वह और कोई नहीं बस माँ होती है.
माँ से रिश्ता ऐसा बनाया जाए,
जिसको निगाहों में बिठाया जाए,
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा
वो अगर उदास हो तो हमसे भी मुस्कुराया ना जाए.
|| हैप्पी मदर डे की हार्दिक शुभकामनाएँ ||
जब हमें बोलना भी नही आता था,
तब भी हमारी हर एक बात समझ जाती थी माँ.
और आज जब हम बोलना सीख गये,
तो बात-बात पर बोलते हैं, “छोड़ो आप नहीं समझोगे माँ”
कौन सी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती,
सब कुछ मिल जाता है लेकिन “माँ” नहीं मिलती,
माँ-बाप ऐसे होते हैं दोस्तों जो ज़िन्दगी में फिर नहीं मिलते,
खुश रखा करो उनको फिर देखो जन्नत कहाँ नहीं मिलती.
माँ से रिश्ता ऐसा बनाया जाऐ,
जिसको निगाहों में बिठाया जाऐ,
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसे कि,
वो अगर उदार हो तो हमसे भी…
मुस्कुराया ना जाऐ…
दास्तान मेरे लाड़-प्यार की बस,
एक हस्ती के गिर्द घूमती है,
प्यार जन्नत से इसलिए है मुझे,
क्योंकि ये भी मेरी माँ के क़दम चूमती है.
माँ तेरी याद सताती है, मेरे पास आ जाओ
थक गया हूँ, मुझे अपने आँचल मैं सुलाओ
उंगलियाँ अपनी फेर कर बालों मैं मेरे
एक बार फिर से बचपन की लोरियाँ सुनाओ.
Miss You So Much Maa
हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है,
हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है
अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है