हम दुआ करते हैं खुदा से
की वो आप जैसा दोस्त और न बनाये
एक कार्टून जैसी चीज़ है हमारे पास
कही वो भी कॉमन न हो जाये
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती के
लिए दुनिया छोड़ देंगे
हम तेरी तरफ आये हर
तूफ़ान को मोड़ देंगे
लेकिन तूने जो साथ छोड़ा
कसम से तेरी हड्डिया तोड़ देंगे
आपके ख़यालों का ख़याल रखना अच्छा लगता है,
हमे पल पल आपके पास रहना अच्छा लगता है,
आप ही चाहत हो आप ही ख्वाहिश हमारी
इसलिए हर पल आपको प्यार करना अच्छा लगता है!!
वो नहीं आती पर निशानी भेज देती है
ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है
कितने मीठे हे उसकी यादो के मंज़र।
कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है!!
बहोत अजीब होती है ये यादे भी मोहब्बत की,
जिन पलो मे हम रोए थे,
उन्हें याद करके हमे हँसी आती है,
ओर जिन पलो मे हँसे थे,
उन्हे याद करके रोना आता है!!
न जाने सालों बाद कैसा समां होगा,
हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा,
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे,
जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मे!!
मेरी कबर पे रोने मत आना,
मुझे प्यार है ये कहने मत आना,
मैं दुनिया मैं हूँ तब तक सताओ मुझको,
जब मैं सो जाऊ तो जगाने मत आना!!
किसी रोज याद ना कर पाउ तो ख़ुदग़र्ज़ ना समझ लेना,
दरअसल छोटी सी इस उमर में परेशानिया बहोत है,
मैं भूला नहीं किसी को मेरे बहोत अच्छे दोस्त है ज़माने मे,
बस थोड़ी ज़िंदगी उलझी पड़ी है दो वक़्त की रोटी कमाने मे!!
दौलत है मुझको ज़िंदगी से प्यारी,
दौलत के लिए कर दू कुर्बान यारी,
दौलत क लिए तोड़ दूं दोस्ती तुम्हारी, अब तुमसे,
क्या छुपाना दोस्त तुम ही तो हो दौलत हमारी!!
दोस्ती मे आँखे तो दिल की ज़ुबान होती है,
सच्ची दोस्ती तो सदा बेज़ुबान होती है,
दोस्ती मे दर्द मिले तो क्या घबराना,
सुना है दर्द से दोस्ती जवान होती है!!
कोई रास्ता नही दुआ के सिवा,
कोई सुनता नही खुदा के सिवा,
मैने भी ज़िंदगी को करीब से देखा है मेरे दोस्त,
मुश्किल मे कोई साथ नही देता आँसू के सिवा!!
एक अलग सी पहचान बनाने की आदत है हमे,
ज़ख़्म हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें,
सब कुछ लूटा देते है दोस्ती में,
क्यूंकी दोस्ती निभाने की आदत है हमें!!
मेरी दुआ है के खुश रहो तुम,मिले ना कोई गम जहाँ भी रहो तुम,
समंदर की तरह दिल है गहरा तेरा,खुशियों सा भरा रहे दामन तेरा,
तुम जो कहो वो हर ख्वाहिश पूरी हो तुम्हारी,खुदा से बस यही दुआ है हमारी,
तोहफा क्या दूँ तुम्हे इन दुवाओ के सिवा,के खुदा रखे तुम्हे राज़ी सदा!!
रब से प्यारा कोई नाम नही होता,
उसकी इबादत से बड़ा कोई काम नही होता,
दुनिया की मोहब्बत मे है रुस्वाई,
पर उसकी मोहब्बत मे कोई बदनाम नही होता!!
उसे बेवफा भी कहना मेरे लिए गुनाह की बात है,
बेवफा तो उसको कहते है जो वफ़ा कर के छोड़ जाते है!!
कुछ अजब हाल है इन दिनों तबीयत का साहब,
खुशी खुशी ना लगे और गम बुरा ना लगे!!
मुझको फिर वही सुहाना नज़ारा मिल गया,
नज़रों को जो दीदार तुम्हारा मिल गया,
और किसी चीज़ की तमन्ना क्यूँ करू,
जब मुझे तेरी बाहों मे सहारा मिल गया!!
अपनी निगाहों से ना देख खुदको
हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा,
सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू,
मेरी नज़र से देख चाँद तेरा टुकड़ा लगेगा!!
हसरत हैं सिर्फ़ तुम्हे पाने की,
और कोई खावहिश नही इस दीवाने की,
शिकवा मुझे तुमसे नही खुदा से है,
क्या ज़रूरत थी तुम्हे इतना खूबसूरत बनाने की!!
आप खुद नही जानती आप कितनी प्यारी हो,
जान हो हमारी पर जान से प्यारी हो,
दूरियों के होने से कोई फ़र्क नही पड़ता,
आप कल भी हमारी थी ओर आज भी हमारी हो!!
एक तो तेरी आवाज़ याद आएगी,
तेरी कही हुई हर बात याद आएगी,
दिन ढल जाएगा रात याद आएगी,
हर लम्हा पहली मुलाकात याद आएगी!!
जिनके पास अपने हैं,
वो अपनों से झगड़ते हैं...
जिनका कोई नहीं अपना,
वो अपनों को तरसते हैं....।
कल न हम होंगे न गिला होगा ।
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा ।
जो लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें ।
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा ।
होने वाले ख़ुद ही अपने हो जाते हैं,
किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता।
एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी,
जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं,
और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं।
वक़्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ,
पर अपनों का पता चलता है वक़्त के साथ,
वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ,
पर अपने ज़रूर बदल जाते हैं वक़्त के साथ।
किसी को दिल दीवाना पसंद है,
किसी को दिल का नजराना पसंद है,
औरों की तो मुझे ख़बर नही लेकिन,
मुझे तो अपनो का मुस्कुराना पसंद है।
वक़्त नूर को बेनूर कर देता है,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना,
पर वक़्त सबको मजबूर कर देता है।
मैं तल्खी-ए-हयात से घबरा के पी गया,
ग़म की स्याह रात से घबरा के पी गया,
इतनी दकीक से कोई कैसे समझ सके,
यज्दां के वाकियात से घबरा के पी गया।
लहरों पे खेजता हुआ लहरा के पी गया,
साक़ी की हर निगाह पे बल खा के पी गया।
मैंने तो छोड़ दी थी पर रोने लगी शराब,
मैं उसके आँसुओं पे तरस खा के पी गया।
ग़म इस कदर बढ़े कि घबरा के पी गया,
इस दिल की बेबसी पे तरस खा के पी गया,
ठुकरा रहा था मुझे बड़ी देर से ज़माना,
मैं आज सब जहान को ठुकरा के पी गया।